जीभ इतनी मनचली पहले न थी, आत्म अनुशासन के शासन से बंधी थी । चर अचर सब अपने हित औ' मीत जीभ इतनी मनचली पहले न थी, आत्म अनुशासन के शासन से बंधी थी । चर अचर सब अपने...
कोई इलाज़ नहीं अब मेरा, फिर भी बेपरवाह हूं। कोई इलाज़ नहीं अब मेरा, फिर भी बेपरवाह हूं।
लगाना आंखों में काजल ये ख़ुमार जैसी है नज़र से फिर नज़र मिलाना बेकरार जैसी है लगाना आंखों में काजल ये ख़ुमार जैसी है नज़र से फिर नज़र मिलाना बेकरार जैसी है
मानी नहीं उसकी कोई बात बदजुबानी पर मैं अड़ गया मानी नहीं उसकी कोई बात बदजुबानी पर मैं अड़ गया
करनी फल मिलता सखे, जल्दी या कुछ देर। निंदा, ईर्ष्या त्याग कर, राम सुमिरनी फेर। करनी फल मिलता सखे, जल्दी या कुछ देर। निंदा, ईर्ष्या त्याग कर, राम सुमिरनी फे...
जब कथनी करनी में अंतर मिलता है, सत्य से खाली अभिनंदन क्या होता है। जब कथनी करनी में अंतर मिलता है, सत्य से खाली अभिनंदन क्या होता है।